Tue. Apr 30th, 2024


IMF- India TV Paisa

Photo:FILE IMF

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के जीडीपी वृद्धि अनुमान में 1.10 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। आईएमएफ का कहना है कि बीते वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत हो सकती है। यह एनएसओ द्वारा जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमान 7.6 प्रतिशत से अधिक है। इसके अलावा आईएमएफ की ओर से जीडीपी ग्रोथ का अनुमान वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5 प्रतिशत लगाया गया है।

आईएमएफ द्वारा कहा गया है कि वर्किंग क्लास लोगों की बढ़ती हुई आबादी और घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा मिल रहा है। बता दें, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आरबीआई ने सालाना आधार पर 7 प्रतिशत का जीडीपी वृ्द्धि अनुमान निर्धारित किया है। 

अनुमान अधिक बढ़ेगी जीडीपी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने कहा था कि “बेहतर मुद्रास्फीति प्रबंधन” और “व्यापक आर्थिक स्थिरता” के प्रभाव के कारण, वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी 8 प्रतिशत से ऊपर बढ़ सकता है। वहीं, महंगाई को लेकर आईएमएफ का कहना है कि यह औसत 4.6 प्रतिशत पर रह सकता है, जो कि आरबीआई के अनुमान 4.6 प्रतिशत से अधिक है। वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा 1.4 प्रतिशत पर रह सकता है। यह पहले 1.2 प्रतिशत था। 

आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गॉरींशेस ने कहा कि निराशाजनक अनुमानों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था सशक्त बनी हुई है। स्थिर वृद्धि और महंगाई लगभग उतनी ही तेजी से धीमी हो रही है, जितनी तेजी से बढ़ी थी।अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले ही अपने महामारी-पूर्व रुझान से आगे निकल चुकी है। लेकिन अब हमारा आकलन है कि कम आय वाले विकासशील देशों को अधिक नुकसान होगा क्योंकि इनमें से कई देश अब भी महामारी और जीवनयापन की लागत के संकट से उबरने की जद्दोजहद में लगे हैं। 

वैश्विक अर्थव्यवस्था

आईएमएफ ने इस साल के लिए वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 3.2 प्रतिशत कर दिया है। उसने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है, बिना आर्थिक नुकसान के महंगाई पर काबू पाये जाने के साथ उत्पादन बना रहेगा। मुद्राकोष ने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में इस साल वैश्विक वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। यह जनवरी में जताये गये 3.1 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। वृद्धि दर का यह स्तर 2023 के बराबर है। विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, 2025 में भी वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है। अगर ऐसा होता है तो यह लगातार तीसरा साल होगा जब वृद्धि दर इस स्तर पर होगी।

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