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UBS-Credit Suisse merger- India TV Paisa
Photo:AP UBS-Credit Suisse merger

आज ग्लोबलाइजेशन के दौर में दुनिया के किसी भी कोने में पनपा संकट सात समंदर पार दूसरे देश को प्रभावित कर सकता है। दुनिया के टेक्नोलॉजी सर्विसेस के हब भारत के लिए यह बात सही साबित हो रही है। स्विटजरलैंड के दो प्रमुख बैंकों UBS और क्रेडिट सुइस के बीच हुआ सौदा भारत में नौकरियों की बलि ले सकता है। रिपोर्ट की मानें तो, भारत में इन बैंकों के टेेक्नोलॉजी बैक ऑफिस में जल्द ही जॉब कट की घोषणा हो सकती है। इन बैक ऑफिस में इन बैंकों के 14,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों स्विस बैंक मर्जर के बाद अपने अलग अलग दफ्तरों को भी मर्ज करेंगे। 

बता दें कि यूबीएस और क्रेडिट सुईस के टेक्नोलॉजी सेंटर भारत के तीन शहरों में हैं। प्रत्येक दफ्तर में 7,000 लोग काम करते हैं। विलय के बाद, इन शहरों में कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है। इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार यूबीएस अब इस मर्जर के बाद यह विचार करेगा कि उसके भारत में मौजूद टेक्नोलॉजी सेंटर्स को आगे भी जारी रखना है या नहीं। 

UBS की बात करें तो भारत में इसका परिचालन बहुत छोटे स्तर पर है। 2013 में यूबीएस ने भारत में मौजूद अपनी एकमात्र शाखा को बंद कर दिया था। इसने कैश इक्विटी बिजनेस को चालू रखा है। इसने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) को पार्टिसिपेटरी नोट के माध्यम से देश में लेनदेन करने की अनुमति दी है।


 

क्रेडिट सुइस के पास अभी भी भारत में अपना एकमात्र शाखा लाइसेंस है। यह यहां मनी मैनेजमेंट, निवेश बैंकिंग और ब्रोकरेज सर्विसेज जैसे विस्तृत कारोबार कर रहा है। यदि यूबीएस आगे भी क्रेडिट सुइस के भारतीय कारोबार को जारी रखेगा, तो उसे लाइसेंस को स्थानांतरित करने के लिए केंद्रीय बैंक को आवेदन करना होगा, जो कि एक आसान प्रक्रिया नहीं है। ऐसे में वह शाखा को बंद करने और पूंजी वापस निकालने का फैसला कर सकता है। 

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