Sunita Williams News Update: नासा के अतंरिक्ष मिशन पर गईं सुनीता विलियम्स की वापसी का इंतजार खत्म होता दिख रहा है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) आज तय करेगी कि जिस विमान (बोइंग स्टारलाइनर) में वह गईं थी, उसी से वापस आ सकती हैं या फिर स्पेसएक्स ड्रैगन से लौटेंगी. बोइंग स्टारलाइनर में तकनीकी खराबी के चलते महज 8 दिन के लिए जून में स्पेस में गईं सुनीता विलियम्स की वापसी संभव नहीं हो सकी है.
नासा ने अब कहा है कि बोइंग का नया कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर को वापस लाने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं, और यदि है तो क्या उन्हें इसी से वापस लाया जाए या फिर स्पेसएक्स ड्रैगन के जरिए वापसी सुनिश्चित की जाए, इस पर शनिवार को फैसला ले लिया जाएगा. नासा एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन और बाकी टॉप अधिकारी आज ह्यूस्टन से इस बाबत घोषणा कर सकते हैं.
नासा का बैकअप प्लान क्या है…
स्टारलाइनर के जरिए स्पेस में गए विलियम्स और विल्मोर को आठ दिनों के मिशन के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक किया जाना था लेकिन कैप्सूल में लीक होने और इसके कुछ थ्रस्टर्स के फेल होने के बाद इसे महीनों तक खींचना पड़ा. अब इसी से वापसी संभव है या नहीं इससे जुड़े सभी जोखिमों की काफी समय से समीक्षा हो रही है और डेटा बेस्ड एनालिसस किया जा रहा है.
नासा ने आगामी स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन मिशन पर दो सीटें तैयार करवाने के लिए एक बैकअप योजना तैयार की है. यदि नासा स्पेसएक्स बैकअप प्लान से चलता है तो विल्मोर और विलियम्स फरवरी 2025 में उस मिशन के समापन तक घर नहीं लौटेंगे और स्टारलाइनर खाली धरती पर लौटने की कोशिश करेगा.
यदि वे स्टारलाइनर से ही लौटते हैं तो…
यदि नासा यह डिसाइड करता है कि स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षित है तो कैप्सूल उन्हें बहुत पहले ही घर ले जाएगा. संभवतः अगले महीने के भीतर ही वे लौट आएं. हालांकि इसकी संभावना कम ही जताई जा रही है लेकिन फिलहाल दुनिया की नजरें सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी को लेकर नासा की आज की अनाउंसमेंट पर टिकी हैं.
Sunita Williams Health Update: अंतरिक्ष में सुनीता की आंखों में आ रही दिक्कत
सुनीता विलियम्स को आने लगी हैं दिक्कतें
स्पेस में ग्रेविटी के एक खास प्रभाव के कारण सुनीता विलियम्स की आंखों में दिक्कतें आने लगी हैं. उन्हें देखने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. स्पेश मिशन में रेडियेशन से जुड़े रिस्क झेलते हैं अतंरिक्ष यात्री. यहां तक कि उनके शरीर पर शून्य गुरुत्वाकर्षण का असर भी होता है.
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FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 07:33 IST