गोविंदा, संजय दत्त और मिथुन चक्रवर्ती अपने दौर के बड़े स्टार्स में से थे। ये वो स्टार थे, जिनकी फिल्म के रिलीज होने पर सिनेमाघरों के बाहर दर्शकों की लंबी-लंबी कतार लग जाती थी। तो जरा सोचिए, सिनेमाघरों का तब क्या हाल हुआ होगा जब ये तिकड़ी साथ आई होगी। आज तो कोई दर्शक अपने फेवरेट स्टार की कोई फिल्म ना देख पाए तो उसे इस बात का सहारा होता है कि वो ओटीटी पर ये फिल्म देख लेगा, क्योंकि 99 प्रतिशत फिल्में सिनेमाघरों के बाद ओटीटी पर रिलीज हो रही हैं। लेकिन जब ओटीटी का दौर नहीं था तब दर्शकों को सिर्फ सिनेमाघरों का ही सहारा था, क्योंकि टीवी पर भी इन फिल्मों की रिलीज के लिए दर्शकों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। ऐसे में सिनेमाघर फिल्म की रिलीज के साथ ही खचाखच भर जाते थे।
गोविंदा, संजय और मिथुन स्टारर फिल्म
उस दौर में फिल्मों को किसी प्रमोशन की भी जरूरत नहीं होती थी। सिर्फ वर्ड ऑफ माउथ के चलते ही सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ती थी। उस दौर में सिनेमाघरों को हाउसफुल कराने के लिए सिर्फ हिट स्टार का होना ही काफी होता था। ऐसे में जब गोविंदा , संजय दत्त और मिथुन चक्रवर्ती स्टारर फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज हुई तो सिनेमाघरों का हाल ही बदल गया था। हम बात कर रहे हैं 1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘जीते हैं शान से’ की। उस दौर में दुनिया एक्शन, डांस और स्टाइल की दीवानी थी और इस फिल्म में नजर आए तीनों स्टार एक्शन, डांस और स्टाइल में अव्वल थे।
टिकट के लिए दर्शकों को करना पड़ा लंबा इंतजार
जब ये मल्टीस्टारर फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो टिकट के लिए मारामारी हो गई। सिनेमाघर दर्शकों से खचाखच भरे थे। ऐसे में दर्शकों को अपने पसंदीदा स्टार की फिल्म देखने के लिए 15-15 दिन का इंतजार करना पड़ा। क्योंकि, सभी शोज हाउसफुल जा रहे थे। मुंबई में तो इस फिल्म को देखने के लिए दर्शकों को और भी लंबा इंतजार करना पड़ा था। इसके बाद भी दर्शकों की संख्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी। फिल्म के क्रेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब 2 करोड़ के बजट में बनी ‘जीते हैं शान से’ ने अपने बजट का चार गुना कलेक्शन किया था।
मंदाकिनी और विजेता पंडित भी थीं फिल्म का हिस्सा
फिल्म में गोविंदा, संजय दत्त और मिथुन चक्रवर्ती जैसे तीन लीड हीरोज के अलावा 2 हीरोइन भी थीं। फिल्म में विजेता पंडित और मंदाकिनी जैसी नामी अभिनेत्रियां थीं। इसके अलावा उस दौर के सबसे खूंखार खलनायकों में से एक डैनी डोंग्जोंग्पा भी इस फिल्म का हिस्सा थे। ये फिल्म एक जबरदस्त कहानी के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने के अलावा एक सोशल मैसेज भी देती है। फिल्म की कहानी तीन दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपना मिशन पूरा करने के लिए साथ आगे बढ़ते हैं, लेकिन इनके दुश्मन इन्हें अलग करने की कोशिश करते हैं।