27 याचिका, 12 हजार घंटे, 530 दिन… यूं ही मनीष सिसोदिया जेल से बाहर नहीं आए


नई दिल्लीः दिल्ली शराब घोटाला मामले में करीब 17 महीने से जेल में बंद मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरने का भी आदेश दिया है. मनीष सिसोदिया को 17 महीने पहले दिल्ली शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने अपने हिरासत में ले लिया था. शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि मनीष ने निचली अदालत में सीबीआई मामले में 13 और ईडी मामले में 14 अर्जियां दाखिल की थीं.

मनीष सिसोदिया ने जेल में करीब 525 से अधिक दिन बिताए हैं. यानी कि मनीष ने जेल की सलाखों के पीछे 12 हजार 720 घंटे बिताए हैं. मनीष सिसोदिया को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘यह सच की जीत है, अदालत का फैसला तानाशाही पर तमाचा है.’ वहीं आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा, ‘सिसोदिया को 530 दिनों तक जेल में रखा गया; उनका अपराध यह था कि उन्होंने बच्चों को बेहतर भविष्य दिया.’

मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्त आ गया है कि निचली अदालतें और उच्च न्यायालय इस सिद्धांत को समझें कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए निचली अदालत भेजना न्याय का अपमान होगा. संजय सिंह ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल, सत्येंद्र जैन को भी न्याय मिलेगा और वे जल्द ही जेल से बाहर आएंगे. सिसोदिया के जीवन के 17 माह जेल में बर्बाद हो गए. वह इस समय का उपयोग बहुत कुछ अच्छा करने में कर सकते थे. सिसोदिया को राजनीतिक प्रतिशोध के तहत जेल में डाला गया; इससे हमारी पार्टी को और मजबूती मिली.’

FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 11:25 IST



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