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arvind kejriwal- India TV Hindi

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अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली में बजट पेश ना होने पर बड़ा सियासी बवाल शुरू हो गया। आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी के बीच जबरदस्त जुबानी जंग शुरू हो गई है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्रालय की अपत्ति वाली चिट्ठी 17 मार्च को ही भेज दी गई थी लेकिन केजरीवाल सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया और मंजूरी ना मिलने की वजह से आज बजट पेश नहीं हो पाया। जवाब में आम आदमी मार्टी ने कहा है कि गृह मंत्रालय की अपत्ति वाला लेटर मुख्यमंत्री या वित्त मंत्री को मिला ही नहीं। सीएम को कल शाम को पता चला था क्योंकि गृह मंत्रालय ने चिट्ठी सीएम या मंत्री को भेजने के बजाय मुख्य सचिव को भेजी थी और चीफ सेक्रेटरी ने ये बात कल शाम सीएम को बताई।

‘केजरीवाल पर लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार’


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ”कल से अरविंद केजरीवाल का झूठ देख रहे है। गृह मंत्रालय को बजट की मंजूरी मिलने के बाद तारीख निर्धारित करने का नियम है। उपराज्यपाल ने 9 मार्च को भेजी है…17 मार्च  को आपत्ति लगाकर भेजी गई..तीन  दिनों तक फाइल दबाकर रखी गई थी। इनकी मंशा झूठ बोलने और देश को बदनाम करने की है। जापान के प्रधानमंत्री देश की संस्कृति को देख रहे हैं और केजरीवाल देश को बदनाम करने पर उतारू हैं।” आगे उन्होंने कहा, ”भ्रष्टाचार में लिप्त केजरीवाल खुद को बेचारा साबित करते रहते है। केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है इसलिए उन्होंने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए यह षड्यंत्र किया है।”

बजट पेश न होने की पूरी कहानी समझिए-

बता दें कि आज दिल्ली का बजट पेश होना था लेकिन LG की मंजूरी ना मिलने की वजह से बजट पेश नहीं हो पाया। बजट की कॉपी गृह मंत्रालय को सौंपी गई थी। गृह मंत्रालय ने विज्ञापन पर खर्च जैसे कुछ प्रावधानों पर जवाब मांगा लेकिन जवाब दिल्ली सरकार की तरफ से गृह मंत्रालय को नहीं मिल पाया इसलिए एलजी की मंज़ूरी नहीं मिली और बजट पेश नहीं हो पाया।

गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से बजट को लेकर 5 मुख्य सवाल पूछे हैं-

  1. पहला सवाल- विकास से ज्यादा विज्ञापन पर खर्च का प्रावधान क्यों?
  2. दूसरा सवाल – कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए सिर्फ 20% ही क्यों?
  3. तीसरा सवाल – DTC और जल बोर्ड घाटे में है तो फ्री सुविधा क्यों?
  4. चौथा सवाल – सब्सिडी के लिए 1000 करोड़ का लोन क्यों?
  5. पांचवां सवाल – आयुष्मान योजना के लाभ से दिल्ली वाले वंचित क्यों?

बता दें कि बजट का जो प्रस्ताव बना है वो 78 हजार 880 करोड़ रुपये का है। इसमें से 557 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च होने हैं। 4 हजार 788 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान है। इन खर्चों के लिए सरकार दस हजार करोड़ का लोन लेगी।

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