संसद में बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने के बाद से ही बवाल मच रहा है।
नई दिल्ली: बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को शुरू होने के बाद से ही संसद के दोनों सदनों में जारी गतिरोध के शुक्रवार को भी जारी रहने के आसार हैं। सत्ता पक्ष के सदस्य जहां राहुल गांधी से लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं, वहीं अडाणी ग्रुप के बारे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए JPC गठित करने की मांग पर विपक्षी सदस्य हंगामा कर रहे हैं। ऐसे में इस बात के आसार कम ही नजर आ रहे हैं कि शुक्रवार को भी संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चल पाएगी।
राहुल ने मांगी संसद में बोलने की इजाजत
इस बीच राहुल ने अपने बयान पर मचे हंगामे को लेकर कहा है कि देश में अगर लोकतंत्र बरकरार है तो उन्हें संसद में अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ सरकार के 4 मंत्रियों ने सदन के भीतर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनतंत्र के लिए एक इम्तहान होगा कि उन्हें भी 4 मंत्रियों की तरह ही सदन में बोलने का मौका मिलता है या फिर चुप होने के लिए कहा जाता है। राहुल ने आरोप लगाया कि अडाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में पूरा तमाशा खड़ा किया गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
ब्रिटेन दौरे से बुधवार को लौटे हैं राहुल गांधी
अपने ब्रिटेन दौरे से बुधवार को स्वदेश लौटने के बाद राहुल गांधी गुरुवार को संसद पहुंचे और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर आग्रह किया कि उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाए। बाद में उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में कहा, ‘आज मैं संसद गया और लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि मैं संसद में बोलना चाहता हूं, सरकार के चार मंत्रियों ने मेरे ऊपर आरोप लगाये हैं तो मेरा हक है कि मैं सदन में अपनी बात रखूं। मुझे नहीं लगता कि बोलने दिया जाएगा। फिर भी मैं आशा करता हूं कि कल मुझे बोलने का मौका मिलेगा।’
राहुल पर लागातार हमलावर हैं BJP के नेता
बता दें कि संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार चौथे दिन हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद BJP ने एक बार फिर से राहुल गांधी को निशाने पर लिया और कहा कि उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘बर्बर हमला’ हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं। राहुल ने अपने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं।