वक्‍फ बोर्ड ब‍िल को लेकर क्‍या है BJP का प्‍लान‍? JPC के पास भेज तो द‍िया पर..


नई दिल्ली: वक्‍फ बोर्ड ब‍िल संसोधन कानून को लेकर कल यानी गुरूवार का दिन लोकसभा में काफी हंगामेदार रहा. वक्‍फ बोर्ड ब‍िल को सरकार किसी भी सूरत में पास करना चाहती है. सरकार को नवंबर-दिसंबर में संसद के अगले सत्र में राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक को पारित कराने में कोई कठिनाई नहीं होगी, क्योंकि तब तक NDA के पास उच्च सदन में पर्याप्त संख्या बल होने की उम्मीद है. लेकिन सवाल है कि बिल को JPC के पास भेज तो दिया गया है. लेकिन पास कब होगा. तो आइए इस खबर में जनाते हैं कि बिल कब और कैसे पास हो सकता है.

3 सितंबर को 12 राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में गठबंधन की जीत के अलावा, सरकार को मनोनीत सदस्यों का भी लाभ मिलेगा, अगर वह अगले सत्र से पहले खाली पड़ी चार सीटों को भर लेती है. चार मनोनीत सदस्य सीटें पिछले महीने खाली हुई थीं. चार और मनोनीत सदस्यों के शामिल होने का मतलब है कि सरकार को उच्च सदन में बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए AIADMK (चार सदस्य) जैसी भाजपा-मित्र पार्टियों के समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी.

पढ़ें- 12 सीटों पर राज्यसभा चुनाव, 10 सीटों पर जीत सकती है BJP, कैसे बदल जाएगा सदन का समीकरण?

क्या है BJP का प्लान?
आगामी चुनावों के बाद NDA के सदस्यों की संख्या, छह मौजूदा मनोनीत सदस्यों और दो निर्दलीयों के साथ, 117 तक पहुंचने की उम्मीद है – 237 सदस्यीय सदन में बहुमत के आंकड़े 119 से केवल दो कम, जिसमें जम्मू और कश्मीर और मनोनीत श्रेणी से चार-चार सहित आठ रिक्तियां शामिल हैं. यदि सरकार चार मनोनीत सीटों को भरती है, तो सदन की ताकत 241 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 121 होगा. चूंकि मनोनीत सदस्य अनिवार्य रूप से सरकार के साथ जाते हैं, इसलिए एनडीए की ताकत 117 से बढ़कर 121 हो जाएगी – जो कि सटीक बहुमत का आंकड़ा है.

मालूम हो कि राज्यसभा में भाजपा के 87 सदस्य हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, त्रिपुरा, असम, महाराष्ट्र और बिहार में पार्टी उम्मीदवारों की जीत के साथ यह संख्या बढ़कर 94 हो जाएगी. बिहार और महाराष्ट्र में इसके सहयोगी जीत सकते हैं. 3 सितंबर के चुनाव कांग्रेस के लिए भी फायदेमंद रहेंगे क्योंकि पार्टी को तेलंगाना में एक सीट मिलेगी, जिससे उसके सदस्यों की संख्या 27 हो जाएगी – जो राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद बरकरार रखने के लिए जरूरी सीटों से दो ज्यादा है. अब 26 सदस्यों के साथ, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का भाग्य अधर में लटक गया है.

3 सितंबर को होने वाले चुनाव में 12 सीटों में से 10 सीटें खाली हो गईं क्योंकि सात राज्यों से भाजपा, कांग्रेस और राजद के मौजूदा सदस्य लोकसभा के लिए चुने गए जबकि तेलंगाना और ओडिशा से एक-एक सदस्य ने इस्तीफा देकर अन्य पार्टियों में शामिल हो गए.

Tags: BJP, Parliament session, Waqf Board



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