नई दिल्ली. रेलवे सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ा रहा है, इसमें वंदेभारत से लेकर अमृत भारत ट्रेनें भी शामिल हैं. ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए ट्रैक में भी बदलाव की जरूरत पड़ती है. इस दिशा में भी काम शुरू हो चुका है. ट्रैक पर किसी तरह का अवरोध न आए, इसके लिए ’सेफ्टी फेंसिंग’ लगाई जा रही है. इनके डिजाइन में थोड़ा बदलाव किया जा रहा है. अब ट्रैक किनारे एक्सप्रेसवे जैसी स्टील की ’सेफ्टी फेंसिंग’ लगाई जा रही है. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. आइए जानें पुरानी और नई डिजाइन की फेंसिंग क्या फर्क है?
रेलवे के निदेशक इनफार्मेशन एंड पब्लिसिटी शिवाजी मारुति सुतार ने बताया कि वंदेभारत जैसी सेमी हाईस्पीड ट्रेनों को चलाने के लिए ट्रैक का सुरक्षित करना प्राथमिकता होती है. क्योंकि सबसे ज्यादा घटनाएं जानवरों के ट्रैक पर आने की होती है. जानवर के टकराने के लिए बाद ट्रेन रोकनी होती है, इससे समय बर्बाद होता है. पिछले दिनों वंदेभारत में कई जानवरों के टकराने की घटनाएं सामने आयी थीं. जिससे अगला हिस्सा टूट गया. वंदेभारत एक्सप्रेस 130 किमी. तक की स्पीड से चलती है. इससे बचाने के लिए रेलवे ट्रैक पर फेंसिंग लगाई जा रही है.
इस तरह की हैं नई फेंसिंग.
पहले के फेंसिंग
पहले लगाए गए फेंसिंग पत्थरों के या फिर जालीनुमा होते थे. देश के कई हिस्सों में इस तरह की फेंसिंग देखी जा सकती हैं. ये केवल जानवरों के रोकने के लिए और शहरी इलाकों में आम लोग भी ट्रैक पर जाने से रोकने के लिए ठीक रहती थीं.
ऐसी है नई फेंसिंग
पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने जोन में एक्सप्रेसवे जैसी फेंसिंग लगाने का काम शुरू किया है. जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार ट्रैक के किनारे रोड एक्सप्रेस-वे की तरह स्टील की ’सेफ्टी फेंसिंग’ डब्ल्यू-बीम मेटल टाइप फेंसिंग लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. गोरखपुर-बाराबंकी खंड पर रेलवे लाइनों के दोनों तरफ 213.98 रुपये करोड़ की अनुमानित लागत से ’सेफ्टी फेंसिंग’ डब्ल्यू-बीम मेटल टाइप फेंसिंग लगाई जाएगी.
फेंसिंग से ये होगा फायदा
फेंसिंग से पहला फायदा ट्रैक पर जानवरों की आवाजाही बंद होगी. इसकी इतनी ऊंचाई रखी गयी है कि जानवर कूद कर भी ट्रैक नहीं जा पाएगा. इसका दूसरा फायदा उन इलाकों में होगा, जहां पर रेलवे ट्रैक और सड़क समानांतर हैं. कई बार वाहनों की स्टेयरिंग फेल होने या अन्य कारणों से सीधा रेलवे ट्रैक पर चला जाता है और उस समय कोई ट्रेन सामने होती है तो हादसे की आशंका रहती है. लेकिन स्टील ’सेफ्टी फेंसिंग’ डब्ल्यू-बीम मेटल टाइप लगाने से अगर वाहन किसी वजह से ट्रैक की ओर जाता है तो वो’सेफ्टी फेंसिंग’ के सहारे सीधा चलता रहेगा. इस बीच चालक उसे रोक भी सकता है. वाहन ट्रैक पर नहीं जाएगा. इससे वाहन और ट्रेन दोनों सुराक्षित रहेंगी.
Tags: Indian railway, Indian Railway news
FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 11:58 IST