नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 5 सितंबर तक टाल दी. अरविंद केजरीवाल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिकाओं में शराब घोटाले में सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सीबीआई को मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी और केजरीवाल को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया. वहीं केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने केवल एक याचिका में जवाबी हलफनामा दाखिल किया है और यह गुरुवार रात 8 बजे उन्हें सौंपा गया.
इस पर सीबीआई की तरफ से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कहा कि वे एक सप्ताह में दूसरी याचिका में जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे. इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को तय की है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ जैसे ही बैठी तो सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया. पर बेंच ने इस मामले की सुनवाई को 5 सितंबर तक के लिए टाल दिया है.
सुप्रीम कोर्ट जमानत देने से पहले कर चुका है मना
आपको बता दें कि 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. इस मामले में कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर जांच एजेंसी से जवाब मांगा था. केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. 21 मार्च को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 20 जून को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी.
हालांकि, हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी. दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसके निर्माण और क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश के बाद 2022 में आबकारी नीति को खत्म कर दिया गया था. सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 13:41 IST