समझौता चल रहा है… स‍िंघवी ने कोर्टरूम में पेश होते ही केजरीवाल की तरफ से दी ये दलील, जज ने लगा दी डेट


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने द‍िल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई को छह हफ्तों के ल‍िए टाल द‍िया. ज‍िसमें उन्होंने मई 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी का वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करने से संबंधित मानहानि मामले में जारी कई समन को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी. केजरीवाल की ओर से सीन‍ियर वकील अभिषेक सिंघवी ने समझौते के लिए कुछ और वक्त मांगा, जिसके बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने मामले पर सुनवाई छह हफ्ते के लिए स्थगित कर दी.

अभि‍‍षेक मनु सिंघवी ने कोर्ट रूम में पेश होने के बाद जज से कहा क‍ि हम खेद प्रकट करते हैं लेकिन समझौते के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाए. अभी इस व्यक्ति की जिंदगी में बहुत सारी चीजें चल रही हैं. शिकायकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राघव अवस्थी ने कहा कि केजरीवाल को वक्त दिया जा सकता है लेकिन यह असीमित नहीं होना चाहिए और थोड़ी बहुत बातचीत होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल मान चुके हैं गलती
सिंघवी ने कहा कि वह (केजरीवाल) वीडियो साझा करने के लिए खेद व्यक्त करते हैं लेकिन यह उनकी (शिकायतकर्ता की) शर्तों पर नहीं हो सकता. पीठ ने मामले पर सुनवाई के लिए छह हफ्ते बाद की तारीख तय की है ताकि दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंच सकें. इससे पहले, केजरीवाल ने स्वीकार किया कि उनसे कथित मानहानिकारक वीडियो साझा करके गलती हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को केजरीवाल से पूछा था कि क्या वह मामले में शिकायतकर्ता से माफी मांगना चाहते हैं. केजरीवाल ने इससे पहले 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी प्रकोष्ठ से संबंधित कथित मानहानिकारक वीडियो साझा करके उनसे गलती हुई है. शिकायतकर्ता विकास संकृत्यायन की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत से कहा था कि केजरीवाल ‘एक्स’ या ‘इंस्टाग्राम’ जैसे सोशल मीडिया मंच पर माफीनामा जारी कर सकते हैं.

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में क्‍या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किए बिना शिकायतकर्ता से पूछा था कि अब जबकि याचिकाकर्ता यह स्वीकार कर चुका है कि उससे गलती हुई है तो क्या वह मामले को बंद करना चाहते हैं. शीर्ष अदालत ने निचली अदालत को अगले आदेशों तक केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले पर सुनवाई न करने का निर्देश दिया था. पांच फरवरी के अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा था कि मानहानिकारक जानकारी साझा करने के मामले में मानहानि कानून लागू हो सकता है. हाईकोर्ट ने केजरीवाल को समन जारी करने के 2019 के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

सांकृत्यायन ने दावा किया था कि जर्मनी में रहने वाले राठी ने ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2’ शीर्षक वाला वीडियो साझा किया था, “जिसमें झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाए गए थे_



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