Aap Ki Adalat: भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ अक्सर किसी ना किसी वजह से चर्चा में रहते हैं। पिछले कुछ सालों से भोजपुरी सिनेमा में अपना जलवा बिखेरते हुए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है और एक्टिंग के साथ-साथ राजनीति जगत में भी खूब नाम कमाया। निरहुआ की गिनती भोजपुरी सिनेमा के बड़े स्टार्स में होती है और साथ ही वह पूर्वांचल के मंझे हुए नेता के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। इस बीच निरहुआ ने इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के चर्चित शो ‘आप की अदालत’ में शिरकत की और कई मुद्दों पर खुलकर बात की।
बॉलीवुड पर साधा निशाना
आप की अदालत में बात करते हुए भोजपुरी स्टार ने मुंबई फिल्म उद्योग यानी बॉलीवुड पर भी अपने विचार रखे। इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड को लेकर जो कुछ कहा, उससे एक बात तो जाहिर है कि वह मुंबई फिल्म उद्योग से नाराज हैं। उन्होंने बॉलीवुड पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वहां के लोग भोजपुरी फिल्मों को “अश्लील” बताकर उन्हें “नीचा” दिखाने की कोशिश करते रहते हैं।
बॉलीवुड से क्यों खफा हैं निरहुआ?
उन्होंने कहा, “यह भोजपुरी फिल्मों को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश है। हम अपनी फिल्में लगभग 1 करोड़ रुपये की लागत से बनाते हैं, जबकि उनकी फिल्में 10 करोड़, 20 करोड़, 50 करोड़ से 100 करोड़ रुपये तक की होती हैं। जब वे प्रदर्शित करने की कोशिश करते हैं।” जब उनकी फिल्में हमारे सिनेमाघरों में आती हैं, तो मालिक कहते हैं, निरहुआ की फिल्म चल रही है, हम आपकी अभी नहीं दिखाएंगे। इंडस्ट्री के लोग सोचने लगते हैं कि इन मालिकों की हिम्मत कैसे हुई कि वे बॉलीवुड के बड़े सुपरस्टार्स की फिल्में न दिखाएं। इसी वजह से वे भोजपुरी फिल्मों को ‘खराब’ कहते हैं।’
भोजपुरी फिल्मों को अश्लील और घटिया बताते हैं
निरहुआ आगे कहते हैं- ‘हर इंटरव्यू में हर मंच पर भोजपुरी फिल्मों को अश्लील और घटिया बताया जाता है। पत्नी अपने पति से अपने अधोवस्त्र का हुक ठीक करने के लिए कह रही है, पति के अलावा ऐसा कौन कर सकता है और वे क्या दिखाते हैं, ‘चोली के पीछे क्या है’?
और क्या बोले निरहुआ?
निरहुआ ने कहा, “मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं। फिल्में किसी भी इंडस्ट्री में हों, मनोरंजन के लिए इसी तरह बनाई जाती हैं। यह दर्शकों को चुनना है कि उन्हें क्या देखना है। पवन सिंह (भोजपुरी अभिनेता) जी ने एक बार कहा था, मैंने ज्यादा गाया है।” देवी-देवताओं के लिए 500 से अधिक भजन, लोग उन्हें क्यों नहीं देखते? वे ‘लॉलीपॉप’ गाना क्यों देखते हैं? हम दुनिया भर में जहां भी जाते हैं, वे इसी तरह के गाने बजाते हैं, तो यह दर्शकों को तय करना चाहिए कि वे क्या देखना सुनना पसंद करेंगे।”