नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा देश में ही नहीं विदेशों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. दुनिया के कई देश पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे को टकटकी और आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पीम मोदी रूस-भारत की पुरानी मित्रता को ताक में रखकर यूक्रेन का दौरा किया? या फिर भारत की भूमिका यूक्रेन-रूस युद्ध में अहम होने वाली है? या फिर पीएम मोदी के दौरे का मकसद पश्चिम के साथ संबंधों में संतुलन लाना है? बता दें कि पीएम मोदी के इस साल जुलाई में रूस दौरे की पश्चिम के देशों ने काफी आलोचना की थी.
ऐसे में क्या पीएम मोदी का 7 घंटे का यूक्रेन दौरा, रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित की दिशा में पहला कदम है? विदेशी मामलों के विशेषज्ञ और द इमेजिंडिया इंस्टीट्यूट ए थिंक टैंक के अध्यक्ष रोबिंदर सचदेव न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘देखिए, इसमें कोई दो राय नहीं है कि मोदी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से ज्यादा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीब हैं. पीएम मोदी ही नहीं भारत से रूस का पुराना रिश्ता है. लेकिन, भारत के लिए रूस जितना अहम है, यूक्रेन भी उतना ही अहम है.
भारत-रूस दोस्ती पर पीएम मोदी के दौरा का असर
सचदेव कहते हैं, ‘पीएम मोदी का यह दौरा डिप्लोमेसी का पार्ट है. आपको याद होगा कि पीएम मोदी के रूस दौरे पर जेलेंस्की की प्रतिक्रिया पर विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी तन्मय लाल का एक बयान आया था. इसमें उन्होंने कहा था कि कोई ऐसी परिस्थिति नहीं है, जिसमें एक के साथ होने का मतलब दूसरे के खिलाफ होना है. प्रधानमंत्री ने रूस की यात्रा की थी और पिछले एक साल में कई बार मोदी और जेलेंस्की अलग-अलग मंचों पर कई बार मिल चुके हैं.’
क्या भारत मध्यस्थ बनेगा?
सचदवे आगे कहते हैं, ‘मोदी के कीएव के दौरे से न तो यूक्रेन या फिर न ही रूस अपनी ओर से शांति की पहल शुरू करेंगे. हां, जब दोनों देश की इच्छा होगी तभी शांति की पहल की शुरुआत होगी. हो सकता है तब शांति वार्ता में भारत भी इन्वॉल्व हो. क्योंकि, भारत का इन्वॉल्व होना रूस के हित में होगा. क्योंकि और तो पश्चिम देश रहेंगे. रूस को तो ये लगेगा न कि कम से कम हमारा एक पुराना मित्र देश इसमें है. दूसरी बात, भारत ने इस दौरे से बड़ा दिल दिखाया है. क्योंकि पीएम मोदी के पिछले रूस दौर की जेलेंस्की ने आलोचना की थी. शायद अब जेलेंस्की अपने उस बयान पर शर्मिंदा महसूस करें. जहां तक मध्यस्थता की बात है ये रूस और यूक्रेन पर निर्भर करेगा कि क्या दोनों पक्ष भारत से मध्यस्थता की उम्मीद कर रहा है? अभी तक तो कम से कम यह स्थिति नहीं है.’
बता दें कि भारतीय न्यूज चैनलों और अखबारों में पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे को जंग खत्म करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. पीएम मोदी की पोलैंड की यात्रा भी रूस-यूक्रेन युद्द के मद्देनजर हुआ है. हालांकि, विदेशी मामलों के जानकार कहते हैं कि यह भारत के डिप्लोमेसी का पार्ट है. इससे रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई खत्म हो जाएगा ऐसा नहीं है.
Tags: India russia, PM Modi, Ukraine News
FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 18:37 IST