मलयाली फिल्म अभिनेता सिद्दीकी ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। केरल हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद मलयालम अभिनेता सिद्दीकी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अभिनेत्री द्वारा सिद्दीकी के खिलाफ दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न मामले में उनके खिलाफ दो दिन पहले लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। इस साल अगस्त में एक अभिनेत्री द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सिद्दीकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
क्या है पूरा मामला
अभिनेत्री ने जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद यौन उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगाया था अभिनेत्री ने अभिनेता सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (यौन उत्पीड़न) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत केस फाइल किया है। वैसे इन तमाम आरोपों से सिद्दीकी ने साफ इनकार किया है और एक व्यापक अदालती आदेश लंबित है। यह कानूनी घटनाक्रम 2 सितंबर को सिद्दीकी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले के जवाब में अग्रिम जमानत के अनुरोध के बाद हुआ है। कई महिला अभिनेताओं ने निर्देशक रंजीत, अभिनेता मुकेश, सिद्दीकी और अन्य सहित उद्योग में प्रमुख हस्तियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। अभिनेता मुकेश और एडेवेला बाबु की गिरफ्तारी भी हुई है।
क्या कहती है हेमा कमेटी की रिपोर्ट
मलयालम फिल्म उद्योग हाल ही में यौन शोषण के विभिन्न आरोपों को उजागर करने वाले ‘मी टू’ आंदोलन से हिल गया है। आरोपों के मद्देनजर सिद्दीकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही पूरी 17 सदस्यीय कार्यकारी समिति से भी इस्तीफा दे दिया। सिद्दीकी के अलावा मुकेश, जयसूर्या, एडावेला बाबू और मनियानपिला राजू जैसे अन्य अभिनेता भी यौन उत्पीड़न के मामलों में फंसे हैं। इन आरोपों में उछाल न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट के जारी होने के बाद आया, जिसमें उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न, शोषण और व्यवस्थित दुर्व्यवहार के परेशान करने वाले मामलों को उजागर किया गया था। गवाहों और आरोपियों के नाम हटाने के बाद 19 अगस्त को सार्वजनिक की गई हेमा समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि मलयालम फिल्म उद्योग पर लगभग 10 से 15 पुरुष निर्माता, निर्देशक और अभिनेता का नियंत्रण है, जो उद्योग पर हावी हैं।