बिहार का अचार हो या यूपी की चिकनकारी, पीएम ने बताया-कैसे ग्‍लोबल बने ये उत्‍पाद


हाइलाइट्स

स्‍थानीय उत्‍पादों को बढ़ावा देने के लिए वोकल फॉर लोकल अभियान चलाया. इसमें लोकल प्रोडक्‍ट खरीदने के साथ उसका प्रचार करने की भी रणनीति बनाई. अभियान के तहत देश के 728 स्‍टेशनों पर स्‍टॉल भी लगाए गए हैं.

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से देश को दिए अपने संबोधन में एक बार फिर ‘वोकल फॉर लोकल’ के नारे को बुलंद किया. पीएम ने कहा कि अब यह विकास का मंत्र बन चुका है. उन्‍होंने कहा कि मैं खुश हूं कि वोकल फॉर लोकल अब इकनॉमिक सिस्‍टम के लिए नया मंत्र बन चुका है. आज देश के सभी जिले अपने उत्‍पाद पर गर्व महसूस करते हैं और ‘एक जिला एक उत्‍पाद’ का पूरा माहौल बन चुका है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारा देश अपने स्‍थानीय उत्‍पाद को ग्‍लोबल लेवल तक पहुंचाने का जश्‍न मना रहा है. आपको बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2018 में स्‍थानीय उत्‍पादों को ग्‍लोबल लेवल पर पहचान दिलाने के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ मुहिम को शुरू किया था. इसका मकसद स्‍थानीय प्रोडक्‍ट की बिक्री बढ़ाने के साथ उसे ग्‍लोबल मार्केट में पहचान दिलाना है. इसी मुहिम के तहत ‘एक जिला एक उत्‍पाद’ नाम से भी अभियान शुरू किया गया.

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क्‍या है वोकल फॉर लोकल
पीएम मोदी के इस अभियान का मतलब है कि स्‍थानीय उत्‍पादों को न सिर्फ खरीदने पर जोर दिया जाए, बल्कि उसका प्रचार भी मुखर होकर किया जाना चाहिए. इसे छोटे से लेकर बड़े उत्‍पादों तक पर लागू किया गया. आपने देखा होगा कि भारत में बनने वाली कारों जैसे टाटा और महिंद्रा के उत्‍पादों पर भी वोकल फॉर लोकल का स्टिकर लगा होता है. इस अभियान का अब बाकायदा असर दिखना भी शुरू हो गया है.

कहां-कहां दिखा असर
वोकल फॉर लोकल अभियान का बाजार पर पूरा असर दिख रहा है. सरकार भी छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए हर साल ई-पोर्टल के जरिये 1 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा के देसी प्रोडक्‍ट खरीद रही है. देश में बढ़ रहा निर्यात साफ तौर पर संकेत दे रहा कि वोकल फॉर लोकल के तहत उद्यमों ने अपना उत्‍पादन बढ़ाना शुरू कर दिया है. खादी के कपड़े अभी तक देश में भी सिर्फ कुछ चुनिंदा लोग ही पहनते थे, लेकिन अब यह ग्‍लोबल ब्रांड बन चुका है. आज खादी के कपड़ों की बिक्री तमाम ब्रांड के तहत हो रही है.

728 स्‍टेशनों पर बने स्‍टॉल
एक जिला एक उत्‍पाद अभियान के तहत छोटे-छोटे ब्रांड के प्रोडक्‍ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने देश के 728 स्‍टेशनों पर वहां के स्‍थानीय प्रोडक्‍ट को बढ़ावा देने के लिए स्‍टॉल बनाए हैं. सिर्फ बिहार में ही 50 रेलवे स्‍टेशनों पर ऐसे स्‍टॉल बनाए गए हैं. इन पर स्‍थानीय कारीगरों की बनाई भगवान बुद्ध की मूर्तियां व अन्‍य काष्‍ठ कलाकृतियां, जरी जरदोजी के कपड़े, मधुबनी पेंटिंग, हाथ से बने सजावटी सामान, मिठाई और अचार की बिक्री की जा रही है.

यूपी के 75 जिलों का लाभ
सीएम योगी ने पिछले दिनों कहा था कि वोकल फॉर लोकल अभियान का फायदा पूरे प्रदेश को मिला है. राज्‍य के सभी 75 जिलों से एक-एक प्रोडक्‍ट को बढ़ावा दिया जा रहा और इसका असर भी दिख रहा है. पिछले 5 साल में यूपी से निर्यात 3 गुना बढ़ चुका है. चाहे मलीहाबाद के दशहरी आम हों या फिर प्रयागराज के अमरूद, प्रदेश के हर जिले से एक-एक प्रोडक्‍ट अपनी पहचान बना रहे हैं. यूपी की चंद्रकला मिठाई भी धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रही है.

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