नई दिल्ली: जब बैठे-बैठे ही दुश्मन ढेर हो सकते हैं तो घर में घुसकर मारने की जरूरत ही क्यों. जी हां, भारत के पास एक ऐसा अचूक हथियार आने वाला है, जिससे पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ जाएगी. अमेरिका से बहुत जल्द 31 हंटर किलर ड्रोन भारत आने वाले हैं. इसके लिए मोदी सरकार ने कवायद तेज कर दी है. भारत ने अमेरिका से 31 MQ-9B ‘हंटर-किलर’ रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट लेने की बातचीत तेज कर दी है. उम्मीद की जा रही है कि इस महत्वाकांक्षी डील को इस साल नवंबर-दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. भारत यह कदम ऐसे वक्त में उठा रहा है, जब चीन और पाकिस्तान अपने सशस्त्र ड्रोन बेड़े को मजबूत कर रहे हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि इन 31 सशस्त्र ऊंचाई वाले, लंबी दूरी तक उड़ान भरने और मार करने वाले हंटर किलर ड्रोन के लिए अमेरिकी सरकार से बातचीत अब उन्नत चरण में है. इस ड्रोन के दो वर्जन हैं- एक स्काई गार्जियन और दूसरा सी गार्जियन. भारत को जब ये 31 MQ-9B हंटर किलर ड्रोन मिल जाएंगे तो इनमें से 15 सी गार्जियन ड्रोन इंडियन नेवी को दिए जाएंगे. जबकि 8-8 स्काई ड्रोन भारतीय वायुसेना और थल सेना को मिलेंगे.
भारत के लिए क्यों अहम यह ड्रोन
भारत के लिए यह हथियार इसलिए भी अहम है, क्योंकि पाकिस्तान और चीन की सीमा पर लगातार तनाव है. एक ओर जहां पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तकरार है तो दूसरी ओर कश्मीर में पाकिस्तान लगातार नापाक इरादों को अंजाम देने की फिराक में है. इतना ही नहीं, चीन लगातार पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई कर रहा है. चीन ने अपने सशस्त्र काई होन्ग-4 और विंग लूंग-II ड्रोन की आपूर्ति तेज कर दी है. सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान अपना ड्रोन बेड़ा लगातार मजबूत कर रहा है. उसने अपने सदाबहार दोस्त चीन से 16 और सशस्त्र काई होंग-4 (CH-4) ड्रोन मांगे हैं. यहां जानने वाली बात है कि पाकिस्तान के पास पहले से ही सेना में सात और नौसेना में तीन CH-4 ड्रोन हैं.
अब पाकिस्तान-चीन की निकलेगी हवाबाजी
भले ही पाकिस्तान और चीन ड्रोन-ड्रोन खेल रहे हों, खूब कबूतरबाजी कर रहे हों, मगर अब उनकी हवाबाजी निकलने वाली है. भारत के पास जो ड्रोन आ रहा है, वह मारक हथियार है. वह दूर से ही दुश्मनों को ढेर करने की ताकत रखता है. उसके लिए सीमा पार जाकर दुश्मनों को ढेर करना बाएं हाथ का खेल है. हंटर किलर ड्रोन के नाम से फेमस MQ-9B रीपर या प्रीडेटर-B ड्रोन करीब 40,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर लगभग 40 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं. यह 5,670 किलो का वजन आराम से उठा सकता है. वहीं, इसके फ्यूल की क्षमता 2,721 किलो है.
यूं ही नहीं कहते हंटर किलर ड्रोन
इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये सीमा और सीमा पार की गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं. साथ ही ये ड्रोन हेलफायर मिसाइल यानी हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों और सटीक हमलों के लिए स्मार्ट बमों से लैस हैं. हंटर किलर ड्रोन्स को चीनी सशस्त्र ड्रोन से कहीं बेहतर माना जाता है. यानी भारत के पास ये ड्रोन होते ही ड्रैगन छटपटाने लगेगा. बताया जा रहा है कि अमेरिका ने 31 हंटर किलर ड्रोन की कीमत करीब 3.9 बिलियन डॉलर (लगभग 33,500 करोड़ रुपये) रखी है. मगर भारत इसमें मोलभाव करेगा. इस कीमत में मिसाइल से लेकर बम, नेविगेशन सिस्टम और मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम भी शामिल है. खास बात यह है कि इस ड्रोन को भारत में ही असेंबल किया जाएगा.
अलकायदा को औकात दिखाने वाला ‘हथियार’
इसकी खासियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब अलकायदा के मुखिया रहे अल जवाहिरी को ठिकाने लगाना था, तब अमेरिका ने अपने इसी हंटर किलर ड्रोन का इस्तेमाल किया था. अमेरिका ने 31 जुलाई 2022 को दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी अलकायदा चीफ आयमान अल-जवाहिरी को काबुल में मार गिराया गया. इस काम को अंजाम देने में इस हंटर किलर ने अहम भूमिका निभाई थी. इस हंटर किलर ड्रोन का इस्तेमाल सर्विलांस, जासूसी, सूचना इकट्ठा करने या फिर दुश्मन के ठिकाने पर चुपके से हमला करने के लिए किया जा सकता है.
चीन की हर चाल का मिलेगा जवाब
फिलहाल, MQ-9B ड्रोन की उपयोगिता साफ दिखाई दे रही है. दोनों अनआर्म्ड सी गार्जियन ड्रोन लगातार इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रेकी के मिशन पर तैनात हैं. ये ड्रोन अमेरिकी फर्म जनरल एटॉमिक्स से लीज पर लिए गए हैं. ये हिंद महासागर क्षेत्र के साथ-साथ चीन के साथ लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर भी नजर रख रहे हैं. इन ड्रोन से खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में काफी मदद मिल रही है.
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FIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 06:54 IST