बंद हो जाएंगे अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा वाले रिचार्ज? TRAI ने Airtel, Jio और Vi को दिया सुझाव


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TRAI on Unlimited Calling Data Recharge

TRAI ने पिछले दिनों टेलीकॉम ऑपरेटर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स से केवल कॉलिंग और SMS वाले रिचार्ज प्लान को लेकर सुझाव मांगा था। टेलीकॉम कंपनियों ने दूरसंचार नियाम को इसे लेकर अपना जबाब दिया है। निजी टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले महीने अपने मोबाइल टैरिफ की दरों में 600 रुपये तक का इजाफा किया था, जिसे लेकर कई यूजर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नाराजगी जताई थी। दूरसंचार नियामक ने कंसल्टेशन पेपर जारी करते हुए इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स और टेलीकॉम ऑपरेटर्स से सिर्फ कॉलिंग और SMS वाले प्लान को लेकर कंसल्टेशन पेपर जारी किया था।

दूरसंचार नियामक के सुझाव पर Airtel, Jio और Vi (Vodafone-Idea) ने अपना जबाब दाखिल किया है। टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने ट्राई को बताया कि हमारे रिचार्ज प्लान ऐसे डिजाइन किए गए हैं, कि यूजर्स को अलग से प्लान खरीदने की जरूरत नहीं होती है। इन रिचार्ज प्लान में यूजर्स को बराबर सुविधाएं दी गई है, जिसकी वजह से उन्हें अलग से कोई प्लान नहीं लेना पड़ता है। ऐसे में उनके ये रिचार्ज प्लान मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छा ऑप्शन है।

टेलीकॉम कंपनियों ने दिया जबाब

टेलीकॉम कंपनियों ने अपने जबाब में कहा कि उन्हें यूजर्स के लिए अलग से केवल वॉइस या SMS ओनली प्लान लाने की जरूरत नहीं है। इस समय टेलीकॉम यूजर्स का सेंट्रल एलिमेंट डेटा है, इसके साथ मिलने वाले अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा की वजह से यूजर्स का एक्सपीरियंस काफी बेहतर हो गया है। यही कारण है कि मौजूदा अनलिमिटेड वाला मॉडल पुराने pay-as-you-go मॉडल के मुकाबले हिट साबित हो रहा है। सभी टेलीकॉम कंपनियां इसी मॉडल को फॉलो कर रही है।

Airtel ने दूरसंचार नियामक को दिए अपने जबाब में यह भी कहा है कि मौजूदा प्लान काफी साधारण हैं, जिसकी वजह से यूजर्स को इन्हें समझने में काफी आसानी होती है। इनमें कुछ भी हिडन चार्ज नहीं लिया जाता है। यूजर्स अपनी पसंद के मुताबिक, वॉइस, डेटा और SMS वाला प्लान चुन रहे हैं और उन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं यानी यूजर्स को पहले से ही पता है कि किस प्लान में क्या बेनिफिट्स दिए जा रहे हैं।

TRAI ने जारी किया था कंसल्टेशन पेपर

TRAI ने टेलीकॉम कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेशन (TCPR) 2012 पर यह कंसल्टेशन पेपर जारी किया था। इस कंसल्टेशन पेपर पर सरकारी एजेंसी ने स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया मांगी थी। TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों से अपने कंसल्टेशन पेपर में यह भी पूछा है कि क्या डिजिटल मीडियम में कलर कोडिंग सही कदम होगा? 

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