पुलिस-प्रिंसिपल क्या कर रहे थे, शव देर से क्यों दिया? कोलकाता कांड पर CJI चंद्रचूड़ नाराज, ममता सरकार को खूब सुनाया


नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है. सीजीई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि उसने स्वत: संज्ञान लिया है.  सीजेआई ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर जाने में सक्षम नहीं हैं और काम करने की स्थिति सुरक्षित नहीं है, तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मीडिया में ट्रेनी डॉक्टर का नाम प्रकाशित होने से बहुत चिंतित है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई. सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि आखिर प्रिंसिपल क्या कर रहे थे, पुलिस क्या कर रही थी, घरवालों को शव देर से क्यों दिया गया? तो चलिए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

बता दें कि आरजी कर अस्पताल के चेस्ट विभाग में नौ अगस्त को सेमीनार हॉल के भीतर चिकित्सक का शव पाया गया था, जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे. कोलकाता पुलिस ने इस घटना के संबंध में अगले दिन एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया और सीबीआई ने 14 अगस्त को जांच शुरू कर दी. उच्च न्यायालय ने मृतका के माता-पिता समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी. मृतका के माता-पिता ने अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया था.

FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 12:19 IST



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