नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा से सांसद साकेत गोखले पर ईटी का शिकंजा कसने लगा है. गोखले पर आरोप हैं कि उन्होंने ‘क्राउड फंडिंग’ के जरिए लोगों से पैसा जुटाया, मदद मांगी और इस पैसे का इस्तेमाल अपने क्रेडिट कार्ड के बिल भरने में किया. बता दें कि क्राउड फंडिग के जरिए लोगों से चंदा लिया जाता है. उन पर एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग क्रिमिनल चार्जेस (आपराधिक आरोप) तय किए गए हैं.
क्राउडफंड से मोटी रकम इकट्ठा हुई जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपने निजी खर्चों जैसे शेयरों में इंट्राडे ट्रेडिंग, अपने क्रेडिट कार्ड के बिल की पेमेंट, पेटीएम, स्विगी, जोमैटो से खाना मंगवाने- खरीदारी करने, क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग करने और ऐसे ही कई और खर्चों में किया.
चंदा लेकर जुटाए पैसे, फिर उड़ाए पैसे?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ये जानकारी देते हुए कहा कि गोखले के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस गुजरात पुलिस में दर्ज हुई एफआईआर के बाद लगा है. इस प्राथमिकी में लोगों से बतौर चंदा पैसे जुटाकर कथित दुरुपयोग की बात कही गई है. केंद्रीय एजेंसी ईडी के मुताबिक, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अहमदाबाद (ग्रामीण) और विशेष पीएमएलए अदालत, अहमदाबाद ने मंगलवार को धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत साकेत गोखले के खिलाफ आपराधिक आरोप तय किए.
साकेत गोखले कौन हैं…
टीएमसी सांसद गोखले पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं जिन्होंने अगस्त 2021 में पार्टी जॉइन की थी. एनबीटी के मुताबिक, खुद को आरटीआई कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले गोखले ने अब तक पेगासस स्पाइवेयर, बैंक लोन और टुकड़े-टुकड़े गैंग जैसे कई मामलों में आरटीआई दाखिल की हुई है. वह पहले कांग्रेस से जुड़े थे मगर 2019 में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके थे.
2022 में गिरफ्तार भी कर लिए गए थे गोखले…
वैसे 31 साल के गोखले के खिलाफ धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत आरोपपत्र पिछले साल ही दाखिल कर दिया गया था हालांकि, गोखले ने चंदे के इस पैसे का दुरुपयोग करने से इनकार किया था. राज्य पुलिस ने लोगों से चंदा के जरिए एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग के मामले में गोखले को दिसंबर 2022 में दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
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FIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 08:41 IST